माँ मै कहता नही हु हर दिन हर पल याद तुझे में करता हु(meri pyaari maa )- poem
मरी पहली चीख पर जिसने गले से लगाया 
मेरी पहली चोट पर जिसने मरहम लगाया 
लिखता तो बहुत कुछ हु मै अब 
लेकिन तुम्ही थी जिसने वो पहला अक्षर लिखना सिखाया 
वो घर के पीछे बड़ा सा बरगद और उसका वो डरावना सा भुत 
तुमने ही उससे लड़ना सिखाया 
जिन्दगी की इस दौड़ में बहुत तेज चल रहा हु में 
तुम्ही तो थी जिसने मुझे चलना सिखाया 
डांटा डराया कभी फिर रुलाया 
वो पहला तमाचा भी तूने ही लगाया 
जो रोया मै फिर गले से भी तूने ही लगाया 
कहानी सूना कर फिर मुझको हंसाया 
कभी आखो में काजल कभी काला टिका भी तुम्ही ने लगाया 
मेरे पेपर से पहले रोज सुबह उठाकर दही और शक्कर भी मुझको खिलाया 
माँ मै अब बड़ा हो गया हु तुझसे सब छिपा लेता हु 
अब आसू आखो में नहीं आते मन ही मन में रो लेता हु 
माँ मै कहता नहीं हु हर दिन हर पल 
याद तुझे में करता हु 
प्यार तुझे मै करता हु 
हमारे Letest Update के लिए Press करे
यह लेख आपको कैसा लगा हमें comment में हमें जरुर बताएँ. हमें आपके सुझावों का  इंतजार रहेगा.
➣यदि आपको इस पेज में सुधार की जरूरत महसूस हो रही है, तो कृपया अपने विचारों को हमें शेयर जरूर करें | सुझाव दे/ give suggestion
➣आप अपना हर तरह का फीडबैक हमें जरूर शेयर करें, तब चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक | सुझाव दे / give suggestion
visit another website-
follow social sites-   YouTube 
  FaceBook                 ArtFlix                         ➨
Instagram  
follow social sites-  
YouTube 
  FaceBook        
         ArtFlix                         ➨
Instagram
 
 
 
 
				 
 


 
 
 
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
Please do not enter any spam link in the comment box